HANUMAN CHALISA SECRETS

hanuman chalisa Secrets

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[Saba=all; sukha=contentment, pleasures; Lahai=continue to be; tumhari=within your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be scared]

होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।

भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

श्री सीताराम जी के चरणों में प्रीति और भक्ति प्राप्त हो जाय यही जीवनफल है। यह प्रदान करने की क्षमता श्री हनुमान जी में ही है।

भावार्थ – श्री गुरुदेव के चरण–कमलों की धूलि से अपने मनरूपी दर्पण को निर्मल करके मैं श्री रघुवर के उस सुन्दर यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को प्रदान करने वाला है।

Absolutely mindful of the deficiency of my intelligence, I focus my focus on Pavan Kumar and humbly ask for strength, intelligence, and correct expertise To alleviate me of all blemishes resulting in soreness.

जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥

kāndheKāndheShoulder mūnjiMūnjiMunja grass janeūJaneūSacred thread sājaiSājaiAdorn Meaning: You might have the vajrayudha (mace) and flag/banner inside your palms; sacred-thread made from the munja grass decorates your shoulder.

bhūtaBhūtaEvil spirits / ghosts pishāchaPishāchaDemons nikataNikataClose / near nahiNahiNot āvaiĀvaiCome

Bhima encountered Hanuman lying on the ground in the shape of a feeble previous monkey. He asked Hanuman to move, but he wouldn't. As stepping around somebody was thought of very disrespectful In this particular time, Hanuman proposed lifting his tail up to make a passage. Bhima heartily accepted, but couldn't raise the tail to any avail.[fifty four]

The goal of the reserve is to offer a renewed knowledge of this lovely, soul-maximizing hymn in the shape of simple, concise, and easy-to-study meditations. Each and every meditation has long been crafted to give you the essence of Tulsidas's concept in Each and every verse of this sacred track.

आप सुखनिधान हैं तथा सभी सुख आपकी कृपा से सुलभ हैं। यहाँ सभी सुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख hanuman chalisa तथा परम सुख से है। परमात्म प्रभु की शरण में जाने पर सदैव के लिये दुःखों से छुटकारा मिल जाता है तथा शाश्वत शान्ति प्राप्त होती है।

भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त के रूपमें हो जायगी।

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